Sunday 2 September 2018

लाल किताब अध्याय 1




लाल किताब अध्याय 1  

बीमारी का बगैर दवाई भी इलाज है, मगर मौत का कोई इलाज नहीं | 
दुनियावी हिसाब-किताब है, कोई दावा-ए-खुदाई नहीं | 

प्रथम 

याद रहे या न रहे, मगर ख्याल जरूर रहे कि 

इंसान बंधा खुद लेख से अपने, लेख विधाता कलम से हो, 
कलम चले खुद कर्म पे अपने, झगड़ा अक्ल (बुध) और किस्मत (बृहस्पति) का हो 

क्योंकि 

लिखा जब किस्मत का कागज़, वक्त था वो गैब (ईश्वरीय) का, 
भेद उसने (ईश्वर ने) गुम था रखा, मौत दिन और गैब का,
ख्याल रखना था बताया, कृतघ्न इंसान का, 
एवज लड़का लड़की बोला, खतरा था शैतान का (माँ के गर्भ के बच्चे का लिंग बताना)

1) लाल किताब ज्योतिष का ज्ञान बेशक तुझे किसी के मौत के दिन, उसके भेद या ऐब (बुरी आदते) और माता के गर्भ में लड़का है या लड़की का इशारा कर देगा | अगर ज्योतिषी ऐसी बातों को वक्त से पहले जाहिर (बता देगा) कर देगा तो ज्योतिषी को मंदा असर होगा और उसे खून की बीमारी कोढ़ वगैरा हो सकती है | दुनिया में अगर इलाज है तो सिर्फ बीमारी का ही है | मौत का कोई चारा नहीं है | ज्योतिष भी गैब की वाकफियत (जानकारी) का इल्म (ज्ञान) जरूर है मगर कोई जादू मंतर नहीं | यह सब दुनियावी हिसाब-किताब है कोई दावा-ए-खुदाई नहीं है | | अगर है तो सिर्फ अपने बचाव में किसी हद तक रूह (आत्मा) की शांति के लिए मदद का जरिया है | मगर किसी दूसरे पर हमला करने का हथियार नहीं है |  किस्मत के मैदान में अगर कहीं पानी की नदी पीछे से भरी आ रही हो (जैसे कुंडली में बैठे किसी ग्रह का नेक फल मिलने का इशारा हो) लेकिन उसके रास्ते में कोइ ईंट-पत्थर गिरकर उसके बहाव को रोक रहा हो (जैसे कोई दूसरा ग्रह उसके नेक प्रभाव को रोक रहा हो या मंदा कर रहा हो) तो ज्योतिष की मदद से उपाय द्वारा उस ईंट-पत्थर को दूर करके किस्मत की नदी के पानी को ठीक करने की कोशिश की जा सकती है मगर नदी के पानी के मिक़दार (मात्रा या उसका भार)  को यानि किस्मत के मैदान को कम -ज्यादा नहीं किया जा सकता | हाँ इतना जरूर है कि लाल किताब ज्योतिष अपनी हैसियत या शक्ति के अनुसार किसी प्राणी पर हमला करने वाले जालिम शेर (जैसे कोई मंदा ग्रह) के सामने एक ऐसी गैबी दिवार खड़ी कर देगा जिससे कि वह जालिम शेर उसका कुछ बिगाड़ न सके | फिर भी अगर वह जालिम शेर और ऊँची छलांग से हमला करे तो यह मजमून (ज्योतिष का विषय) गैबी दिवार को और ऊँचा करता जाएगा लेकिन हमला करने वाले शेर पर गोली न चलाएगा और ना उसकी टाँग पकड़ेगा ओर प्रतीक्षा यह होगी कि इस रूहानी मदद से वह शेर थक-हार कर खुद-ब खुद ही चला जाए या हमला करने का इरादा ही छोड़ दे | जिससे दोनों (शेर और कुंडली वाला) अलग-अलग हो जाने पर कुंडली वाला रहत की साँस ले सके | 

2) लाल किताब की जिल्द सुर्ख लाल खुनी रंग जो चमकीला न हो शुभ होगी और बाकी रंग मनहूस होंगे | 

3) लाल किताब में लिखे फरमान एक दूसरे से जुदा है यानि क्रम के अनुसार नहीं है इसलिए तमाम किताब को कई बार (चाहे नॉवल की तरह) पढ़ने बेशक बगैर समझे ही पढ़ते जाना स्वयं ही मजमून (विषय) का भेद बता देगा | 

4) किसी बात को आजमाने से पहले उसे अपने जाती (निजी) फैसले से गल्त समझ कर वहम खड़ा कर लेना लाल किताब को समझने के लिए मददगार न होगा |              

5) किताब के बगैर फर्जी मनमानी या मनघडंत बात वहम पैदा कर देगी और आप तो जानते ही है कि वहम का कोई इलाज नहीं | 

6) कुंडली का बनाना और उसकी दुरुस्ती (जन्म कुंडली अगर ठीक न लगे तो उसे सही करना) का जाँचना तमाम सम्बंधित विद्या के परिचय की बाद शुरू करे | तब तक वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बनाई हुई कुंडली का ही प्रयोग करे | मगर ख्याल रहे कि अपनी खुद की कुंडली ज्योतिष विषय को समझने के रास्ते में बड़ी रूकावट होगी | इसलिए ज्योतिष सीखते वक्त अपनी कुंडली का प्रयाग न करे | 

7) किसी दूसरे ज्योतिष विषय की निंदा करने से दूर रहे | 

8) इसमें शक नहीं की लड़कपन की तबियत वाले ज्योतिष के निंदक और कुँए के मेंढक जैसे दिमाग वाले और ज्योतिष विषय का मजाक उड़ाने वाले मुर्ख से गुस्सा आ ही जाता है मगर ज्योतिषी को अपनी क्षमता के अनुसार इस इल्म के फायदे को जरूरतमंद तक पहुँचाना इंसानी शराफत होगी क्योंकि बजुर्गों ने कहा है कि 

कर भला हो भला, आखिर भले का भला | 

नए और पुराने मजमून का फर्क 

1) लाल किताब विद्या की नींव सामुद्रिक (हस्त) विद्या पर है जिससे मौजूदा ज्योतिष से बनाई हुई जन्म कुंडली के लग्न की दुरुस्ती करने में मदद मिलती है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब शनि की साढ़े साती की फ़िक्र हो तो लाल किताब की बुनियाद पर (जैसा की लाल किताब में मंदे शनि के बारे में लिखा है) शनि की मंदी घटनाएँ मसलन साँप डसने की घटनाएँ, मकान गिर जाना या बिक जाना, आँख की नजर की खराबी, चाचा पर जान की तकलीफ, मशीनो की नुक्सान वगैरा वगैरा सबूत देंगे कि शनि असलियत में मंदा है यानि साढ़े साती आदि का मंदा फल मिल रहा है | इसलिए क़यासी ख्याल की बजाए ठोस चीजों और पक्की घटनाओँ के आधार पर फैसला होगा कि ग्रह असलियत में मंदा है कि नहीं | लाल किताब में जन्म तारिख से हर साल का वर्षफल बनाने का तरीका लिखा है जो कि दिए हुए टेबल के अनुसार चंद मिनटों में बना सकते है | टेबल आगे वाले अध्याय में है | 

2) शक्की या मंदे ग्रह के उपाय जो लाल किताब में दिए है वह आसान और बहुत कम कीमत के बताए है जो अमूमन अपना नेक असर देते है | 

3) लाल किताब विषय बहुत लम्बा-चोड़ा होने की वजह से सिर्फ उन घटनाओँ का जिक्र है जो बहुत संगीन है जैसे कोई बहुत बड़ी बीमारी, बहुत बड़ा कष्ट, मौत का भय आदि | 

4) पुराने ज्योतिष के हिसाब से राहू केतु जन्म कुंडली में हमेशा 1/7 ही होंगे और बुध-शुक्र, सूरज के आस-पास ही होंगे परन्तु लाल किताब वर्षफल में ऐसी शर्त नहीं और वो कहीं भी हो सकते है | जन्म कुंडली में एक ही घर में बैठे हुए ग्रह वर्षफल में कभी जुदा न होंगे और अलग अलग घरों में बैठे ग्रह कभी भी वर्षफल में एक ही घर में न आएँगे |  

5) खास बात यह है कि फलादेश देखते समय कुछ चीजों को छोड़ दिया है 

राशि छोड़ नक्षत्र भुलाया, न ही कोई पंचांग लिया | 
मेष राशि खुद लग्न में लिख कर, बारह पक्के घर मान लिया |     

यानि जन्म किसी भी लग्न में हुआ हो, लाल किताब में लग्न की कोई विशेष भूमिका नहीं (कुछ 2-3 बातों को छोड़ कर) | राशियाँ मिटा कर जो अंक लिखे है वह खाना नंबर है न कि हर लग्न को मेष लग्न बनाया है | उदहारण के  लिए जातक का जन्म तुला लग्न में हुआ 

राशियाँ मिटा कर खाना नंबर लिख दिए |  लाल किताब के हिसाब से कहेंगे की शनि, बुध और शुक्र खाना नंबर 1 में है | किस राशि में थे उसे छोड़ दिया है | फलादेश देखते वक्त राशि को भुला दिया है इसलिए नक्षत्र अपने आप ही मिट गए | अब भावेश का चक्कर भी अपने आप ही ख़त्म हुआ | लाल किताब में केवल कालपुरुष की कुंडली के हिसाब से ग्रह के मालिक ग्रह और ग्रह का पक्का घर लेंगे जैसे वैदिक में कारक लेते है | जैसे खाना नंबर 5 का मालिक सूर्य और गुरु का पक्का घर वगैरा | 



S Kuber RA 
Jyotish Acharya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

लाल किताब अध्याय 1 

2 comments:

panditramdial said...

You may be suddenly affected by illness and sickness. And you cannot find out the reason for diagnostics or your own self-assessment. Then surely it’s an effect of Black magic removal in New York, Evil eye and Bad eye. You surely need Voodoo removal in New York.

Voodoo Removal in New York

Sanjay Garg said...

https://www.youtube.com/c/SANJAYGARG
https://wa.me/14256159748
http://www.facebook.com/emuser

Post a Comment